शनिवार, 2 अक्तूबर 2010

बापू तेरा हिंद

देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को
बढती हुई अत्याचारी महंगाई तूफान को
आजाद हिंद के टुकड़े देखो हो रहे हैं बार बार
भाई भाई पर करने को तैयार खड़ा है अत्याचार
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................
विरोधी ताकतें लडवा रही हैं, हिंद की हर जुबान को
नशे की दुनिया खाए जा रही, आज के नौजवान को
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को...............
दहेज़ का दानव मुह फाड़े है, आज के हिंदुस्तान में
बहुओं का संघार हो रहा, आग के इस अभियान में
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................
जग में अपना नाम है छाया, देखो इस विज्ञान को
भ्रष्टाचारी की माहामारी, निगले अपनी शान को
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................
गांधीगिरी का सपना देखे मुन्ना भाई चलचित्र पर 
पर गाँधी के दिए आदर्श ना देखे किसी चरित्र पर 
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................
वैष्णव जन तू उनको कहता जो पीर पराई जाने रे  
आज के युग का मानव पीर संग मार कुटाई माने रे 
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................
खादी जो तू छोड़ गया था अब भी तह कर रखी है 
पाँच वर्ष में एक बार सीमा नेता ने तय कर रखी है 
देख रहा है बापू तू अपने हिंदुस्तान को................